जय जगन्नाथ.

जय जगन्नाथ

जगन्नाथ के देश में, परदेसी के भेस में। खाली झोली, तेज़ है बोली - जय जगन्नाथ। पूरी के संकरे रास्तों से होते हुए आप पहुँच जायेंगे भगवान् जगन्नाथ के विशाल मंदिर। दिवाली के शुभ अवसर पे मैंने जगन्नाथ पूरी की यात्रा की।

A temple on cuttack road used as cover image for hindi poem Kulhad And Sawaal.

कुल्हड़ और सवाल

सवेरे सात बजे, बिना इज़ाज़त किसी भले मानस की काली स्कूटर पे बैठ | चेहरे पर खिलती धूप, बीच बाजार अंगड़ाई ली, हाथ पाँव लिया ऐंठ | भुबनेश्वर में सवेरे चाय पीने निकला और चाय की चुस्कियों के साथ आपके लिए ये एक छोटी सी कविता लिख डाली |

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अकेलापन

तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी और रोज़ी-रोटी की भागदौड़ में खुद के लिए समय निकल पाना मुश्किल हो जाता है। इन्सान के भीतर उसकी हर समस्या का हल छुपा होता है। लेकिन शोर इतना है की हम अपने अंतर्मन की आवाज़ सुन नहीं पाते। कुछ समय निकालिये। खुद से बात कीजिये।

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बस अब बहुत हुआ

गरीबों को ज्यादातर लोग या तो दया से देखते हैं या हिकारत से। कोई उनके लिए कुछ करना चाहता है तो कोई उनके होने की शिकायत करता है। हम ये भूल जाते हैं की गरीब होने का मतलब ये नहीं की वो मजबूर भी है या भूखा है। हर गरीब इंसान हमारे अनाज का भूखा नहीं है। उन्हें सम्मान चाहिए।

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मेरी कविता

जीवन के सफर में मशरूफ और मजबूर इंसान अपनी कई यादें पीछे छोड़ आता है। पीछे छूट गई ये यादें हीं हमारे जीवन का सार है। आईये अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय चुरा कर इन यादों से मुलाकात करते हैं।

Save The Tiger Cover Image

सेव द टाइगर (Save The Tiger)

भारत में बाघों की संख्या में २०१४ से २०१८ के बीच ३३% की वृद्धि हुई है। इससे बाघ संरक्षण (Save The Tiger) के प्रयासों को बल मिला है। २०१८ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाघों की कुल संख्या २९६७ है। ये पूरे विश्व में बाघों की कुल संख्या (३१५९) का ८०% है। प्रयास जारी रहने चाहिए और हम सबको को इसका समर्थन कर लोगों में और जागरूकता लानी होगी।

हिंदी कविता थोड़ी सी उम्र बाकी है का कवर चित्र जिसमें कवि अकेला इंतज़ार कर रहा है

थोड़ी सी उम्र बाकी है

कवि अपनी प्रेमिका के इंतज़ार में अपना जीवन यूँ हीं व्यर्थ कर रहा है। वक़्त उसके लिए उसी मोड़ पर रुक गया जहाँ दोनों एक दुसरे से अलग हुए थे। इस हिंदी कविता "थोड़ी सी उम्र बाकी है" में वो अपने मन की व्यथा सुना रहा है।