हैप्पी बर्थडे सुधा
तुम मानोगी नहीं लेकिन आज गज़ब की स्फुर्ती है शरीर में। घुटना बोल रहा है जगजीवन बाबु जाईये दौड़ आईये।…
हिंदी कहानियाँ, कवितायेँ, ख़याल
हिंदी कहानियां
तुम मानोगी नहीं लेकिन आज गज़ब की स्फुर्ती है शरीर में। घुटना बोल रहा है जगजीवन बाबु जाईये दौड़ आईये।…
रिश्ते कुछ कुछ पौधों की तरह होते हैं । प्यार की धूप, अपनेपन की बूँदें और खट्टी-मीठी बातों की खाद…
जगजीवन बाबू को सेवानिवृत हुए ८ साल हो चुके हैं। २ साल पहले उनकी धर्मपत्नी सुधा का देहाँत हो गया…
अमीना के पास बोलने को इतना कुछ कैसे होता है ? वो घर भी संभालती है और बाजार में रोज़ाना…
जब सब कुछ स्थिर हो तो मन में उथल पुथल मची रहती है। इंसान न अपनी आवाज़ सुन पाता है,…
झुमकी को वही खूबसूरती देखनी थी जो आईना कल दिखा रहा था। उसने बालों को सँवारा। चेहरे पे 70 रुपये…
शाँत रहने वाली रेशमी। सादा रूप और सीधा व्यवहार। अपने में ही गुम रहना। मानो पूरी बस में वो अकेली…
रोटियां बनाते बनाते किचन की ताप में धीरे धीरे झुमकी की खूबसूरती पसीने के साथ बह चुकी थी। जब मन…