writing letters to the dead wife

हैप्पी बर्थडे सुधा

तुम मानोगी नहीं लेकिन आज गज़ब की स्फुर्ती है शरीर में। घुटना बोल रहा है जगजीवन बाबु जाईये दौड़ आईये। आखिर हमारी सुधा का बर्थडे है। यहीं तो है मेरा वेलेंटाइन। याद है तुम कैसे शर्मा जाती थी। मेघा देख लेगी, मेघा सुन लेगी। यहीं रट लगा रखती थी। बाप हो गया तो क्या बीवी से प्यार करना छोड़ दूँ?

Cover image for chapter 3 of hindi story jhumki

झुमकी (पाँचवाँ अध्याय)

रिश्ते कुछ कुछ पौधों की तरह होते हैं । प्यार की धूप, अपनेपन की बूँदें और खट्टी-मीठी बातों की खाद से रिश्ते फलते फूलते हैं । ये सब न हो, तो पौधों के जैसे धीरे धीरे मुर्झा जाते हैं । बस इक टीस रह जाती है । लेकिन एक बात है । मुर्झाये रिश्तों में फिर से जान आ सकती है । सवाल ये है की पहल कौन करे?

old man sending letters to dead wife

प्रिये सुधा

जगजीवन बाबू को सेवानिवृत हुए ८ साल हो चुके हैं। २ साल पहले उनकी धर्मपत्नी सुधा का देहाँत हो गया था। एक बेटी है मेघा। वो शादी के बाद से ही अमेरिका में रहती है। उम्र के आख़री पड़ाव का अकेलापन अब काटने लगा है। जगजीवन बाबू अपने मन की व्यथा व्यक्त करने के लिए अपनी दिवंगत पत्नी को खत लिख रहे हैं।

hindi story jhumki chapter 4

झुमकी (चौथा अध्याय)

अमीना के पास बोलने को इतना कुछ कैसे होता है ? वो घर भी संभालती है और बाजार में रोज़ाना फूल बेचने भी आती है। घर पर अनवर है, सास ससुर हैं, एक ६ साल का बेटा भी है। इतना सब कैसे संभाल लेती है। कोई शिकायत नहीं। हमेशा खुश। हमेशा एक चुलबुलापन। क्यों बुधिया मुझे अनवर की तरह खुश नहीं रख पाता?

Cover image for chapter 3 of hindi story jhumki

झुमकी (तीसरा अध्याय)

जब सब कुछ स्थिर हो तो मन में उथल पुथल मची रहती है। इंसान न अपनी आवाज़ सुन पाता है, न हीं वो अपने खुद के भाव समझ पाता है। कुछ गलत न हो कर भी बुधिया और झुमकी के बीच कुछ सही न था। ये उनके शादीशुदा जीवन का वो दौर था जब आलिंगन भी चुभने लगता है। न प्यार है, न बैर है़।

Hindi story of a young married girl

झुमकी (दूसरा अध्याय)

झुमकी को वही खूबसूरती देखनी थी जो आईना कल दिखा रहा था। उसने बालों को सँवारा। चेहरे पे 70 रुपये की मेहंगी वाली क्रीम का लेप लगाया। भड़कदार लाल रंग की लिपस्टिक भी लगायी। लेकिन आईना टस से मस न हुआ। पढ़िए "झुमकी" का ये दूसरा अध्याय।

Hindi story about mental stress and suicide.

काश

शाँत रहने वाली रेशमी। सादा रूप और सीधा व्यवहार। अपने में ही गुम रहना। मानो पूरी बस में वो अकेली हो। पीले रंग से शायद ज्यादा लगाव था उसे। कभी पीली कुर्ती, कभी पीला दुपट्टा। कभी पीली काँच की चूड़ियां,कभी पीली बिंदी। जूतियों की कढ़ाई में निखार भी पीले रंग का था।

Hindi story of a young married girl

झुमकी

रोटियां बनाते बनाते किचन की ताप में धीरे धीरे झुमकी की खूबसूरती पसीने के साथ बह चुकी थी। जब मन की टूटी उम्मीदें धीरे धीरे खामोश आक्रोश में बदल जाती हैं तो तन की खूबसूरती भी साथ छोड़ देती है।