चैट जीपीटी ने कमाल और धमाल दोनों मचा रखा है। कुछ लोग उत्साहित हैं, कुछ अचंभित हैं तो कुछ लोग भयभीत हैं। अब ये तो समय बतायेगा की तकनीक की ये नयी बला और क्या-क्या खेल दिखायेगी। पढ़िए मेरी हिंदी हास्य कविता – चैट जीपीटी और गोलमाल।

चैट जीपीटी और गोलमाल

अगर हृषिकेश जी आज गोलमाल बनाते
दत्त साहब अमोल जी को इंटरव्यू पे बुलाते
न पेले का ज़िक्र होता
न लिटिल मास्टर पे सवाल होते
दत्त साहब मूछों पे ताव देते
सिरि, अलेक्सा और चैट जीपीटी के ख़याल होते

चैट जीपीटी और गोलमाल

दबंग आवाज़ में पूछते वो
क्या तुमने चैट जीपीटी सुना है?

नौकरी की आस में जवाब मिलता
आईला! ये क्या बला है?
दत्त साहब को लगता ये परफेक्ट उम्मीदवार मिला है

वो भला मानस क्या जाने
इंटरव्यू पर आने के लिये
सिरि ने अमोल जी को तापमान बताया है
अलेक्सा ने ट्रैफिक का हाल सुनाया है
उम्मीदवार ने जितनी देर में नाश्ता किया
चैट जीपीटी ने रिज्यूमे कमाल बनाया है

तो तुम भी जाओ अलेक्सा के पास
बिन सिरी, बिन जीपीटी
ज्ञान तेरा कंगाल है
हृषिकेश जी भी जान लेते
और तुम भी सुन लो
यही तो असली गोलमाल है।

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