Published by नितेश मोहन वर्मा
"हसरतों का पीछा करता रहा, ज़िन्दगी बस इक तलाश बन के रह गयी।"
कवि, लेखक, मुसाफिर। अपने सफर और अपनी तलाश से मैं आपके लिए कुछ ख़याल लेकर आया हूँ। इन्हें पेश कर रहा हूँ कविताओं, कहानियों और शायरी के रूप में।
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