ज़रा खुद से बात कर लेना तुम। ज़िन्दगी की परेशानियों का ये एक बेहतरीन इलाज है। औरों की सुनने में, औरों से कहने में, हम अपने आप से बात नहीं कर पाते। थोड़ा समय खुद के लिए ज़रूर निकालें।

कविता सुनें:

शुक्रवार का ये दिन
तन्हा बैठ कहीं
ज़रा खुद से बात कर लेना तुम

कमरा हो तुम्हारा
या किसी पार्क का एक खाली बेंच
खुद से मुलाकात कर लेना तुम

तेरे होंगे कई सवाल पता है
किससे माँगते फिरते हो जवाब?
और क्यों?
ज़रा खुद से सवाल कर लेना तुम

अच्छा बुरा, सही गलत
आग लगा दो ऐसे बही खाते को
दुनिया ने जो दी तुम्हें ज़ंजीरें
उन्हें खोलने की खुराफात कर लेना तुम

तन्हा बैठ कहीं
ज़रा खुद से बात कर लेना तुम

5 विचार “ज़रा खुद से बात कर लेना तुम&rdquo पर;

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