दिन भर भूखा बैठा रहा
रात के इंतजार में।
मजदूरी कर लौटी मां ने
सर पर हाथ फेर
रोटी दी प्यार से।
बैठा रहा कुछ देर
ले रोटी वो हाथ में।
थकी हुई मां भी
खाएगी साथ में।
हमारे लिए वो एक रोटी
उसके लिए अनमोल है।
इसलिए कहते हैं
ये दुनिया प्यारे गोल है।
हिंदी कहानियाँ, कवितायेँ, ख़याल
दिन भर भूखा बैठा रहा
रात के इंतजार में।
मजदूरी कर लौटी मां ने
सर पर हाथ फेर
रोटी दी प्यार से।
बैठा रहा कुछ देर
ले रोटी वो हाथ में।
थकी हुई मां भी
खाएगी साथ में।
हमारे लिए वो एक रोटी
उसके लिए अनमोल है।
इसलिए कहते हैं
ये दुनिया प्यारे गोल है।
भूल न जाए ये ज़माना। ऐ मौत तेरे आने से पहले, कुछ लफ्ज़ छोड़ जाऊँ किताबों में मैं। Exploring life, with some humor. Indian | Poet #HindiPoetry #शायरी #Poetry
वर्तमान का यथार्थ चित्रण।
धन्यवाद तारा जी 🙏
👍🌷