माता – पिता की वन्दना में जितना कहा जाए, कम है। मैं इस पोस्ट में आपके लिए माँ पर लिखी अपनी दो हिंदी कवितायें ले कर आया हूँ। पढ़ें और हर माँ के साथ शेयर करें।

हिंदी कविता – रोटी की कलाकार तुम

रोटी की कलाकार तुम | माँ के लिए कविता हिंदी में

रोटी की कलाकार तुम
लोरी की फनकार तुम
तेरे आँचल मैं महफूज़ माँ
जीवन की हो पतवार तुम

तेरा स्पर्श ही मरहम है माँ
जीवन का पहला प्यार तुम
देवी भी तुम, शक्ति भी तुम
मेरी ढ़ाल तुम, तलवार तुम

जन्म का वरदान दिया
शिक्षा भी तुम, सँस्कार तुम
न धर्म कोई, न रस्म कोई
प्रत्यक्ष हो माँ अवतार तुम

घाटे का सौदा करती रही हो
कर दो एक और उपकार तुम
बोल क्या हो तपस्या मेरी
जन्मों-जनम, मेरी माँ बनो हर बार तुम
माँ बनो हर बार तुम


पिता पर लिखी मेरी कविता पढ़ें – “पापा कहते थे“।

माँ के लिए कविता हिंदी में – माँ, तुम याद आती हो

पीठ थपथपाते गैरों के बीच
तेरा मेरे मस्तक को चूम लेना
माँ तुम याद आती हो।

तेज़ दौड़ती भीड़ में मैं अकेला
प्यार भरी थपकी से हौसला भरपूर देना
माँ तुम याद आती हो।

मेरी भूख के लिए रोटी का निवाला
मेरे उलझनों की आहूति
तेरी ममता का ज्वाला

तेरे क़र्ज़ का हिसाब,
माँ! आंकड़ों के पार
न असल मांगती तू, न तुझे है सूद लेना
माँ तुम याद आती हो।

4 विचार “रोटी की कलाकार तुम | माँ के लिए कविता हिंदी में&rdquo पर;

  1. अत्यंत सुंदर भाव भरी कविता। दिल को छूती हुई।
    मैंने भी एक दो कविता लिखने का प्रयास किया है माँ पर।
    एक कविता यहां पढ़ सकते है। मुझे अपना यह प्रयास पसंद है :😊
    https://rkkblog1951.wordpress.com/2021/07/02/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%97%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%be/

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