जगन्नाथ के देश में, परदेसी के भेस में। खाली झोली, तेज़ है बोली - जय जगन्नाथ। पूरी के संकरे रास्तों से होते हुए आप पहुँच जायेंगे भगवान् जगन्नाथ के विशाल मंदिर। दिवाली के शुभ अवसर पे मैंने जगन्नाथ पूरी की यात्रा की।
कुल्हड़ और सवाल
सवेरे सात बजे, बिना इज़ाज़त किसी भले मानस की काली स्कूटर पे बैठ | चेहरे पर खिलती धूप, बीच बाजार अंगड़ाई ली, हाथ पाँव लिया ऐंठ | भुबनेश्वर में सवेरे चाय पीने निकला और चाय की चुस्कियों के साथ आपके लिए ये एक छोटी सी कविता लिख डाली |
एक नयी शुरुआत, कुछ अनजान दोस्तों के साथ । ओडिशा में मेरा स्वागत है
मैं आ पहूंचा हूँ उड़ीसा। बाहर बारिश हो रही है और मैं कॉफी शॉप में ब्लैक कॉफी का सहारा ले आपसे बात कर रहा हूँ। क्यूँ ? अरे ये तो बताया हीं नहीं अब तक।