हिंदी दिवस पर कविता

हिंदी दिवस पर कविता

भारत अनेक भाषाओँ, धर्मों और प्रांतों से मिल कर बना एक ख़ूबसूरत गुलदस्ता है। इनमें से किसी भी एक फूल को दूसरों से ऊँचा या नीचा स्थान नहीं दिया जा सकता। सभी का महत्व एक समान है।

माँ के लिए कविता हिंदी में

रोटी की कलाकार तुम | माँ के लिए कविता हिंदी में

माता - पिता की वन्दना में जितना कहा जाए, कम है। मैं इस पोस्ट में आपके लिए माँ पर लिखी अपनी दो हिंदी कवितायें ले कर आया हूँ। पढ़ें और हर माँ के साथ शेयर करें।

महिला दिवस पे हिंदी कविता

औरत का त्यौहार मनाना बन्द करो

औरतों पर अत्याचार कोई नयी बात नहीं है। और ये घरेलु हिँसा, अत्याचार और बलात्कार किसी शहर या देश तक सीमित नहीं है। बावजूद इसके हम बड़े ज़ोर शोर से हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन करते हैं। या तो ये अत्याचार बन्द करो या फिर औरतों का ये त्यौहार बन्द करो। इसी विषय पे आधारित है मेरी ये हिंदी कविता - औरत का त्यौहार मनाना बन्द करो।

ये बेज़ुबान नहीं हैं

ये बेज़ुबान नहीं हैं – हिंदी कविता

अलग है ज़ुबाँ इनकी, ये बेज़ुबान नहीं हैं। क्या हुआ जो ये इन्सान नहीं हैं? इन्सानों के जैसे जानवर बेवजह के मसलों में नहीं उलझते हैं। ये छोटी सी हिंदी कविता इन मासूमों की कुछ खूबियों की सराहना करने के लिए लिखी है मैंने।

मणिपुर त्रासदी पर हिंदी कविता

द्रौपदी लाचार हुई – मणिपुर त्रासदी पर हिंदी कविता

पौरुष लज्जित घूम रहा , द्रौपदी फिर लाचार हुई। ये हिंदी कविता मणिपुर में हुए दो महिलाओं के शोषण पर आधारित है। जब सारा देश गुस्से से उबल रहा है, मैंने अपने क्रोध को कविता का रूप दिया है।

पिता पर कविता

पिता पर कविता – “पापा कहते थे”

आज अपने अल्फ़ाज़ों के तरकश से एक तीर लिया है मैंने। पिता पर कविता और गीत लिखा है मैंने। पिता के महत्व को शब्दों में बयान करना मुमकिन नही। एक एहसास है जो प्रस्तुत कर रहा हूँ।

दोस्ती पे कविता हिंदी में - चलो आज रविवार मानते हैं।

चलो आज रविवार मनाते हैं

बेवजह के कारणों में मशरूफ हम खुशियों के कई पलों को अनदेखा कर देते हैं। क्या करें ज़िन्दगी अब भागती नज़र आती है। चलो कोई बात नहीं। एक फैसला कर लेते हैं आज। सप्ताह के ६ दिन भागेंगे लेकिन एक दिन हम जीवन का, रिश्तों का, अपनों का त्यौहार मनायेंगे। और रविवार से अच्छा दिन कौन सा हो सकता है। तो चलिए, साथ मिल कर रविवार मनाते हैं।

Hindi Kavita Khud Se Baat | खुद से बात.

ज़रा खुद से बात कर लेना तुम

ज़रा खुद से बात कर लेना तुम। ज़िन्दगी की परेशानियों का ये एक बेहतरीन इलाज है। औरों की सुनने में, औरों से कहने में, हम अपने आप से बात नहीं कर पाते। थोड़ा समय खुद के लिए ज़रूर निकालें।

Kalyug Ki Durga Hindi Kavita.

कलयुग की दुर्गा

ये कहानी है एक अबला लड़की की जिसने कलयुग की दुर्गा बन अपने ऊपर हो रहे अत्याचार और अत्याचारी का नाश किया। ये लड़की औरों जैसी अबला न बन पायी। इसमें प्रतिकार करने की छमता थी। ये उस एक पल की कहानी है जब उसने साहस कर खुद को अभिमान दिया। नारी बन उसने नारीत्व को सम्मान दिया।

Mahashivaratri Hindi Poem. महाशिवरात्रि पर हिंदी कविता

भोले तेरे दर पर आया हूँ

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक पवित्र त्यौहार है। ये कविता महाशिवरात्रि पर भगवान् शिव की अर्चना करने के लिए है। इस दिन भगवान शिव की पूजा,अर्चना की जाती हैं, उनके लिए व्रत भी रखा जाता है ओर मान्यता है की इस दिन मांगी हुई इच्छा अवश्य पूर्ण होती है।