photo of woman sitting for cover image of hindi poem bas ab bahut hua

बस अब बहुत हुआ

गरीबों को ज्यादातर लोग या तो दया से देखते हैं या हिकारत से। कोई उनके लिए कुछ करना चाहता है तो कोई उनके होने की शिकायत करता है। हम ये भूल जाते हैं की गरीब होने का मतलब ये नहीं की वो मजबूर भी है या भूखा है। हर गरीब इंसान हमारे अनाज का भूखा नहीं है। उन्हें सम्मान चाहिए।

हिंदी कविता बरसता आसमान

बरसता आसमान

आज आसमान खुल कर बरस रहा है। मुंबई के महलों और झोपड़ों में कोई भेदभाव नहीं करता। ज़रूरी हो कर भी आसमान का ये बरसता पानी छत की तलाश में भटकती माँ के लिए मुसीबत बन जाता है।

Hindi Kavita kiska kasoor

किसका कसूर?

गरीबी और मुफलिसी किसका कसूर है ? गरीब का? या फिर गरीबों की बस्ती को महलों की ऊँचाइयों से अनदेखा करने वाली नज़रों का। अपना घर बसाने में हम कहीं किसी गरीब की आह के ज़िम्मेदार तो नहीं बन बैठे ?

brown haired boy

५ रुपये का सिक्का

किसी भी चीज़ की कीमत उसे इस्तेमाल करने वाले की ज़रुरत पर निर्भर करती है। जो ५ रुपये का सिक्का किसी के लिए चिल्लड़ कहलाता है, वही सिक्का किसी और के लिए अनमोल हो सकता है।