ये कहानी है एक अबला लड़की की जिसने कलयुग की दुर्गा बन अपने ऊपर हो रहे अत्याचार और अत्याचारी का नाश किया। ये लड़की औरों जैसी अबला न बन पायी। इसमें प्रतिकार करने की छमता थी। ये उस एक पल की कहानी है जब उसने साहस कर खुद को अभिमान दिया। नारी बन उसने नारीत्व को सम्मान दिया।