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ग़ज़ल शायरी इन हिंदी – इल्ज़ाम तुझ पे लगा है

ये वीडियो मेरी पोएट्री ओपन माइक की रिकॉर्डिंग है। इस वीडियो में मैं आपके लिए दो नयी हिंदी ग़ज़ल ले कर आया हूँ – “इल्ज़ाम तुझे पे लगा है” और “लिख दूँगा”। देखिये हिंदी ग़ज़ल शायरी की वीडियो रिकॉर्डिंग।

उम्मीद करता हूँ आपको ये दोनों हिंदी ग़ज़ल शायरी की वीडियो रिकॉर्डिंग्स पसन्द आई होंगी। बाकी के हिंदी कविताओं और शायरी वीडियोस देखने के लिए, आप मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

अगर आप किसी ख़ास विषय पर ग़ज़ल शायरी या हिंदी कविता सुनना पसन्द करेंगे, आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं


हिंदी ग़ज़ल शायरी – इल्ज़ाम तुझे पे लगा है

इस हिंदी ग़ज़ल में मैंने लोगों पर कुछ इल्ज़ाम लगाए हैं। पहले कुछ इल्ज़ाम उस महबूब पर हैं जिसने अब ख़्वाबों तक में आना बंद कर दिया है।

“बड़े सुकून की नींद आती है आजकल
मेरे ख़्वाबों के वीराने का इल्ज़ाम तुझ पे लगा है”

कुछ इल्ज़ाम मैंने उनपे लगाए हैं जो अपना शहर, अपना देश छोड़ विदेशों में जा बसे हैं। तरक्की तो कर ली, लेकिन देश, शहर और रिश्ते पीछे छूट गए।

एक आखिरी इल्ज़ाम इस हिंदी ग़ज़ल में उन पर जो धर्म के नाम पर भेद भाव फैला कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।


हिंदी ग़ज़ल शायरी – लिख दूँगा

इस हिंदी ग़ज़ल की शुरुआत भी मैंने अपने महबूब पर लगाए गए एक इल्ज़ाम से की है। लोग अक्सर शायरों और आशिक़ों को नकारा-निकम्मा कहते हैं। लेकिन सारा दोष बेचारे शायर का नहीं है।

“मेरी नाकामी का कुछ इल्ज़ाम तुम पर भी लगेगा
दे कर देखो साथ कभी, हर इम्तिहान लिख दूँगा”

इसके बाद इस ग़ज़ल में मैंने ग़ज़ल शायरी के श्रोताओं और कद्रदानों की सराहना करते हुए अगला शेर कहा है। एक मेरा पसंदीदा शेर बेटियों की प्रशन्सा में लिखा है मैंने।

सुनिए और अपने सुझाव मुझ तक ज़रूर पहुँचायें।

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