झुमकी (चौथा अध्याय)
अमीना के पास बोलने को इतना कुछ कैसे होता है ? वो घर भी संभालती है और बाजार में रोज़ाना…
हिंदी कहानियाँ, कवितायेँ, ख़याल
अमीना के पास बोलने को इतना कुछ कैसे होता है ? वो घर भी संभालती है और बाजार में रोज़ाना…
जीवन के सफर में मशरूफ और मजबूर इंसान अपनी कई यादें पीछे छोड़ आता है। पीछे छूट गई ये यादें…
पता हीं नहीं चला कब इच्छायें हमारी ज़रुरत बन गयी। इच्छाओं के पीछे भागते भागते इंसान अपना सारा जीवन यूँ…
भारत में बाघों की संख्या में २०१४ से २०१८ के बीच ३३% की वृद्धि हुई है। इससे बाघ संरक्षण (Save…
कवि अपनी प्रेमिका के इंतज़ार में अपना जीवन यूँ हीं व्यर्थ कर रहा है। वक़्त उसके लिए उसी मोड़ पर…
आज आसमान खुल कर बरस रहा है। मुंबई के महलों और झोपड़ों में कोई भेदभाव नहीं करता। ज़रूरी हो कर…
जब सब कुछ स्थिर हो तो मन में उथल पुथल मची रहती है। इंसान न अपनी आवाज़ सुन पाता है,…
इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका के रूप का गुणगान कर रहा है। रूप वो नहीं जो उम्र के साथ…
इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका से अपने निःस्वार्थ प्रेम का एहसास बयान कर रहा है। वो बताना चाहता है…
आम इंसान अपनी रोज़ी रोटी और घर परिवार में उलझा रह जाता है। देश और समाज के प्रति उसकी ज़िम्मेदारियों…